भारत आज स्थिरता, पूर्वानुमेयता और निरंतरता का नखलिस्तान प्रदान करता है: पीयूष गोयल
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत-कतर भविष्य की साझेदारी स्थिरता, प्रौद्योगिकी और उद्यमशीलता और ऊर्जा के स्तंभों पर टिकी होगी।
मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में भारत-कतर व्यापार मंच के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए गोयल ने कहा कि दोनों देशों के बीच साझेदारी विश्वास, व्यापार और परंपरा की नींव पर टिकी हुई है।
कतर के वाणिज्य और उद्योग मंत्री शेख फैसल बिन थानी बिन फैसल अल थानी सत्र में मुख्य अतिथि थे।
केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा कि व्यापार की शर्तें बदल रही हैं, जो ऊर्जा व्यापार से लेकर कृत्रिम बुद्धिमत्ता, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT), क्वांटम कंडक्टिंग, सेमीकंडक्टर आदि जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों तक विकसित हो
रही हैं। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया भू-राजनीतिक तनाव, जलवायु परिवर्तन, साइबर सुरक्षा खतरों
मंत्री ने कहा कि भारत और कतर एक दूसरे के पूरक हैं और समृद्धि तथा बेहतर भविष्य के लिए मिलकर काम कर सकते हैं।
गोयल ने कहा कि हम साथ मिलकर व्यापार, निवेश के मामले में बदलाव के लिए तैयार हैं और कतरी व्यवसायी संघ (क्यूबीए) तथा भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के बीच हस्ताक्षरित दो समझौता ज्ञापनों तथा इन्वेस्ट कतर और इन्वेस्ट इंडिया के बीच हस्ताक्षरित एक अन्य समझौता ज्ञापन पर प्रकाश डाला ।
मंत्री ने व्यापार और वाणिज्य पर संयुक्त कार्य समूह को मंत्री स्तर पर उन्नत करने की भी घोषणा की।
गोयल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कथन को उद्धृत करते हुए कहा, "आज चाहे प्रमुख राष्ट्र हों या वैश्विक मंच, भारत में विश्वास पहले से कहीं अधिक मजबूत है", और उन्होंने व्यापारिक नेताओं से उसी भावना और विश्वास के साथ मिलकर काम करने का आग्रह किया।
मंत्री ने कहा कि भारत एक जीवंत अर्थव्यवस्था, युवा आबादी के साथ समृद्ध जनसांख्यिकी, व्यापार के हर क्षेत्र में सुधार, व्यापार करने में आसानी और हमारे औद्योगिक विकास के केंद्र में गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करता है। उन्होंने कहा कि भारत आज स्थिरता, पूर्वानुमेयता और निरंतरता का नखलिस्तान प्रदान करता है।
गोयल ने कतर की कंपनियों को निवेश, विनिर्माण, नवीकरणीय ऊर्जा, स्मार्ट शहरों के विस्तार और बुनियादी ढांचे के विकास में भारत की वृद्धि की यात्रा का हिस्सा बनने के लिए भी आमंत्रित किया।
मंत्री ने कहा कि कतर विजन 2030 और भारत का विकसित भारत 2047 मिलकर दोनों देशों के लोगों के लिए अधिक बड़ा और उज्जवल भविष्य निर्धारित करेंगे।
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