साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड ने 2030 तक नेट जीरो बनने की योजना बनाई है
साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड ( एसईसीएल ) ने 2030 तक नेट जीरो बनने की बड़ी जिम्मेदारी ली है, साथ ही पर्यावरण को कम से कम नुकसान पहुंचाकर देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने का विशाल कार्य भी किया है ।एसईसीएल सौर ऊर्जा के माध्यम से 700 मेगावाट ऊर्जा उत्पादन की योजना बना रहा है और नेट जीरो का लक्ष्य 2030 तक हासिल कर लिया जाएगा।एसईसीएल के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक (सीएमडी) हरीश दुहान ने कंपनी की ग्रीन योजना के बारे में एएनआई से विशेष बातचीत करते हुए कहा कि कंपनी ग्रीन एनर्जी अपनाने की दिशा में कई कदम उठा रही है । नेट जीरो बनने के लिए इस कंपनी को 700 मेगावाट की जरूरत है और हम 2030 तक सौर ऊर्जा के जरिए यह ऊर्जा पैदा करने में सक्षम होंगे ।सीएमडी ने कहा, "कोयले के प्रत्यक्ष उत्पादन के साथ-साथ कंपनी कोयले के गैसीकरण की दिशा में भी आगे बढ़ रही है। यहां विभिन्न परियोजनाएं आ रही हैं और कंपनी कोयला गैसीकरण की दिशा में काम करेगी।"दुहान ने आगे बताया कि कोयला मंत्री के विजन के अनुसार कंपनी को 100 मिलियन क्यूबिक मीटर गैस का उत्पादन करना चाहिए, इस संबंध में विभिन्न परियोजनाएं आ रही हैं। उन्होंने कहा कि हमने प्रधानमंत्री द्वारा प्रोत्साहित किए गए ग्रीन अमोनिया उत्पादन संयंत्र के लिए एक परियोजना की भी संकल्पना की है और इस संयंत्र के लिए ऊर्जा की आवश्यकता सौर ऊर्जा के माध्यम से सुनिश्चित की जाएगी ।
सीएमडी दुहान ने कहा कि स्थिरता की दिशा में काम करते हुए कंपनी खनन प्रक्रिया में पर्यावरण अनुकूल मशीनों का उपयोग कर रही है जो आवश्यक मानदंडों को पूरा करती हैं।उन्होंने कहा कि इसी प्रकार, ताप विद्युत संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति कोयला हैंडलिंग संयंत्रों और एफएमसी परियोजनाओं के माध्यम से की जा रही है, जिसके परिणामस्वरूप ट्रकों का उपयोग बहुत कम हो रहा है और डीजल की खपत भी कम हो रही है।दुहान ने कहा कि इसी प्रकार, पर्यावरण को बहाल करने और खदानों के बंद होने के दौरान सभी मानदंडों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए खनन के बाद व्यापक वृक्षारोपण अभियान चलाया जा रहा है।एसईसीएल क्षेत्र के महाप्रबंधक (एजीएम) भटगांव दिलीप बोबडे ने कहा कि स्थिरता की ओर बढ़ते हुए कंपनी ने स्वच्छ ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए 20 मेगावाट का सौर संयंत्र स्थापित किया है।बोबडे ने कहा कि इसके अलावा कंपनी ने भूमिगत खनन के बाद बची हुई जमीन पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने का प्रस्ताव दिया है। उन्होंने कहा कि हम कोयला गैसीकरण संयंत्र लगाने की योजना बना रहे हैं और स्थिरता हासिल करने के लिए कुछ और कदम उठाए जा रहे हैं।
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