अडानी समूह 10 वर्षों में पूर्वोत्तर में 1 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगा: गौतम अडानी
अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी ने शुक्रवार को अगले 10 वर्षों की अवधि में देश के उत्तर-पूर्वी हिस्से के विभिन्न क्षेत्रों में 1 लाख करोड़ रुपये के बड़े निवेश की घोषणा की।अडानी समूह की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, यह निवेश अडानी समूह द्वारा महज तीन महीने पहले फरवरी में एडवांटेज असम 2.0 शिखर सम्मेलन में घोषित 50,000 करोड़ रुपये के निवेश से दोगुना होगा।नई दिल्ली में 'राइजिंग नॉर्थईस्ट इन्वेस्टर्स समिट' में बोलते हुए गौतम अडानी ने कहा, "तीन महीने पहले, असम में, हमने 50,000 करोड़ रुपये के निवेश का संकल्प लिया था। आज, एक बार फिर, आपके नेतृत्व से प्रेरित होकर, मैं घोषणा करता हूं कि अडानी समूह अगले 10 वर्षों में पूर्वोत्तर में अतिरिक्त 50,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगा।"अडानी समूह के अध्यक्ष ने आगे बताया कि अडानी समूह के निवेश का मुख्य फोकस हरित ऊर्जा के साथ-साथ "स्मार्ट-मीटर, हाइड्रो, पंप स्टोरेज, बिजली ट्रांसमिशन, सड़क और राजमार्ग, डिजिटल बुनियादी ढांचे, लॉजिस्टिक्स, साथ ही कौशल और व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्रों के माध्यम से क्षमता निर्माण" पर होगा।गौतम अडानी ने कहा , "लेकिन बुनियादी ढांचे से अधिक हम लोगों में निवेश करेंगे। हर पहल में स्थानीय नौकरियों, स्थानीय उद्यमिता और सामुदायिक सहभागिता को प्राथमिकता दी जाएगी।"
उन्होंने पूर्वोत्तर के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण की सराहना की और कहा, "इस उन्नति के पीछे एक ऐसे नेता का दृष्टिकोण है, जिसने सीमाओं को नहीं, केवल शुरुआत को पहचाना। माननीय प्रधानमंत्री, जब आपने कहा, "एक्ट ईस्ट, एक्ट फास्ट, एक्ट फर्स्ट" तो आपने पूर्वोत्तर को सचेत कर दिया।"अडानी समूह के अध्यक्ष ने कहा कि 2014 से पिछले दस वर्षों में अडानी समूह ने पूर्वोत्तर राज्यों में 6.2 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है।उन्होंने आगे कहा कि, पूर्वोत्तर में "सड़क नेटवर्क दोगुना होकर 16,000 किलोमीटर हो गया है" और "हवाई अड्डों की संख्या दोगुनी होकर 18 हो गई है।" उन्होंने कहा कि हाल ही में, अडानी समूह के स्वामित्व वाले गुवाहाटी हवाई अड्डे ने 3.26 मिलियन घरेलू आगमन और 3.30 मिलियन घरेलू प्रस्थान का प्रबंधन किया।गौतम अडानी से पहले केंद्रीय संचार और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले एक दशक में पूर्वोत्तर राज्यों की परिवर्तनकारी प्रगति पर प्रकाश डाला ।अतीत में बुनियादी ढांचे की कमी को याद करते हुए मंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में एक समय केवल नौ हवाई अड्डे थे, तथा दो राज्यों में तो कोई हवाई अड्डा ही नहीं था।प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर में हवाई अड्डों की संख्या बढ़कर सत्रह हो गई है, जिससे क्षेत्र को कनेक्टिविटी और आर्थिक एकीकरण में नई गति मिली है।
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