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भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में 15.84 प्रतिशत की वृद्धि, दिसंबर 2024 तक 209.44 गीगावाट तक पहुंचेगी

Tuesday 14 January 2025 - 15:09

 नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) के अनुसार, भारत के अक्षय ऊर्जा क्षेत्र ने साल-दर-साल 15.84 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, जो दिसंबर 2024 तक 209.44 गीगावाट की कुल स्थापित क्षमता तक पहुंच गई है । यह वृद्धि स्वच्छ ऊर्जा के प्रति भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा निर्धारित 'पंचामृत' ढांचे के तहत इसके व्यापक लक्ष्यों को दर्शाती है । अक्षय ऊर्जा क्षेत्र ने 2024 में रिकॉर्ड क्षमता वृद्धि देखी, वर्ष के दौरान कुल 28.64 गीगावाट स्थापित किया, जो 2023 में जोड़े गए 13.05 गीगावाट से 119.46 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि का प्रतिनिधित्व करता है। कुल स्थापित क्षमता दिसंबर 2023 में 180.80 गीगावाट से बढ़कर 2024 के अंत तक 209.44 गीगावाट हो गई सौर ऊर्जा की हिस्सेदारी सबसे अधिक रही, जिसने कुल वृद्धि में 24.54 गीगावाट का योगदान दिया, जिससे इसकी संचयी स्थापित क्षमता 2023 में 73.32 गीगावाट से बढ़कर 2024 में 97.86 गीगावाट हो गई, जो 33.47 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।
 

पवन ऊर्जा में भी उल्लेखनीय प्रगति हुई, 2024 में अतिरिक्त 3.42 गीगावाट जोड़े जाने के साथ, इसकी कुल क्षमता 48.16 गीगावाट हो गई, जो पिछले वर्ष से 7.64 प्रतिशत की वृद्धि है।
अन्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों ने भी वृद्धि में योगदान दिया। बायोएनर्जी की स्थापित क्षमता में 4.70 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो दिसंबर 2023 में 10.84 गीगावाट से बढ़कर 2024 में 11.35 गीगावाट हो गई।
छोटी पनबिजली परियोजनाओं में मामूली वृद्धि हुई, जिनकी क्षमता 2023 में 4.99 गीगावाट से बढ़कर 2024 में 5.10 गीगावाट हो गई, जो 2.20 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।
केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रहलाद जोशी ने प्रधानमंत्री मोदी के 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
ये नवीनतम आंकड़े भारत की जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने के लिए मजबूत प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हैं, साथ ही साथ ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाते हैं और टिकाऊ ऊर्जा समाधानों की ओर वैश्विक बदलाव में योगदान करते हैं।


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