रिपोर्ट में कहा गया है कि अफ्रीका में विदेशी सहायता में कमी आने के बावजूद मोरक्को ने उदाहरण पेश किया है।
अफ्रीका को विदेशी सहायता में कमी आने के बावजूद मोरक्को इस बात का एक प्रमुख उदाहरण बनकर उभर रहा है कि देश विकास के लिए अपने संसाधनों पर अधिक निर्भर कैसे हो सकते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मोरक्को उन कुछ अफ्रीकी देशों में से एक है, जिसने बाहरी सहायता में भारी गिरावट के बावजूद अपनी आंतरिक वित्तीय क्षमता को मजबूत करने में कामयाबी हासिल की है।
रिपोर्ट के अनुसार, अफ्रीका को आधिकारिक विकास सहायता में लगभग 38% की कमी आई है, जबकि महाद्वीप को वैश्विक जलवायु वित्त का केवल 2.8% ही प्राप्त होता है।
इसके विपरीत, मोरक्को ने महत्वपूर्ण प्रगति की है। विदेश में रहने वाले मोरक्को के लोगों द्वारा प्रेषित धन 2023 में लगभग $11.8 बिलियन तक पहुँच गया, जिससे यह देश अफ्रीका में प्रेषण मात्रा के मामले में तीसरे स्थान पर आ गया।
ये फंड राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को समर्थन देने में बढ़ती भूमिका निभा रहे हैं।
रिपोर्ट में अफ्रीका में संप्रभु वित्तपोषण के लिए एक प्रमुख उपकरण के रूप में मोहम्मद VI निवेश कोष पर भी प्रकाश डाला गया है।
यह फंड बुनियादी ढांचे और औद्योगिक विकास परियोजनाओं को समर्थन देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
चूंकि वैश्विक वित्तीय प्रणालियाँ असमान बनी हुई हैं, तथा विश्व की 19% जनसंख्या होने के बावजूद अफ्रीका के पास अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष में मात्र 6.5% मतदान शक्ति है, इसलिए मोरक्को जैसे देश स्थानीय समाधानों की ओर रुख कर रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मोरक्को अपने वित्तपोषण के तरीकों में विविधता लाने के लिए काम कर रहा है, जिसमें डायस्पोरा बॉन्ड का उपयोग तथा मजबूत सार्वजनिक-निजी भागीदारी शामिल है, विशेष रूप से ऊर्जा और जलवायु क्षेत्रों में।
रिपोर्ट में अफ्रीका भर में रणनीति में बदलाव का आह्वान किया गया है, जिसमें सुझाव दिया गया है कि देशों को अपने विकास वित्तपोषण का 75% से 90% अपने देश से ही जुटाना चाहिए।
रणनीति में इस बदलाव में कर प्रणाली सुधार, व्यापक कर आधार तथा बेहतर शासन शामिल होगा।